

डॉ. दीपक कुमार सिन्हा
पी-एच.डी., एल.एल.बी., पी.जी.डी.वाई.एस., डी.लिट्
अधिवक्ता सह सामाजिक चिंतक व लेखक
संस्थापक सह सचिव
सम्यक शिक्षा एवं संस्कृति परिषद् (ट्रस्ट)
05 – सुभाषनगर, भगवानपुर
मुजफ्फरपुर – 842001 (बिहार)
मो0 – 9835050567, 9386126523, ई-मेल : drdkshikha@gmail.com
मेरे आत्मीयजन,
हृदय से अभिनंदन।
आज सम्पूर्ण मानव समाज विभिन्न प्रकार की शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक, आर्थिक एवं सामाजिक समस्याओं से ग्रस्त है। उसका मूल कारण मानव स्व आत्मीय प्रकृति, प्रकृति एवं संबंधों से दूर हो जाना जाता है एवं स्वयं का न जानना है एवं उसके साथ कट जाना है। जब मानव अपनी आत्मीय प्रकृति, प्रकृति एवं संबंधों से दूर हो जाता है या यूं कहें कि ‘अंतरात्मा’ में प्रवेश नहीं करता। भीतर की यह यात्रा सर्वाधिक कठिन किन्तु सुखद यात्रा है।
मनुष्य ने कई यात्रायें सम्पन्न की किन्तु विचार एवं तर्कशक्ति से नितान्त अनभिज्ञ परिलक्षित अवस्था (क्रियाशील शरीर, सुख सुविधायें, ऐश्वर्य एवं अधिकारिक आदमी) के रूप में है। इसी का नतीजा है कि हमारे समाज में तनाव, संकटकाल एवं हिंसात्मक स्थिति उत्पन्न हो रही है। जाति, विचार एवं भाषा आदि के माध्यम से हमारे अंतर्ज्ञान पर प्रतिकूल प्रभाव डालकर हमारे विचारों को दूषित एवं मनुष्यता को नष्ट करने का कार्य कर रही है। इसी का परिणाम है कि मनुष्य निरन्तर संघर्षशील है तथा रूदन-सहम एवं अनेक विकृतियों एवं जीवन के नवनीत के प्रति प्रभावित हो रहा है।
हम मनुष्य (जीवित) में चलते जाते हैं और धीरे-धीरे एक जीवन ही नष्ट होता चला जा रहा है। हम इस बात को सोचें कि हम स्वयं के लिए क्या हैं, और समाज की प्राथमिकताओं एवं मानवता का अस्तित्व बनाए रखने में क्या योगदान कर रहे हैं।
उसका अनुसरण करें और अच्छे अनुसरण आत्मसात करें और इसका अनुसरण प्राप्त करें तथा आत्मसात करें। फलस्वरूप एक अच्छा और आनंदपूर्ण प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
हमारा निष्कर्ष एवं निर्णय यह है कि सुव्यवस्थित समाज का निर्माण हेतु “सम्यक शिक्षा एवं संस्कृति परिषद्” का गठन किया गया है। हमारा उद्देश्य है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, नैतिकता एवं संस्कृतिकरण के निर्धारण में मानवीय चेतना का निर्माण हो।
सामाजिक समरसता, नैतिक जीवन, अच्छे स्वास्थ्य, स्वस्थ समाज, स्वस्थ व्यक्ति एवं आत्मीय सुख प्राप्त कर सके तथा सम्पूर्ण मानवता एक पथ पर अग्रसर हो सके। हमारा उद्देश्य है कि मानवता में अपने आत्मा, शरीर एवं आत्मीय चिंतन का उत्कृष्ट विकास हो सके।
“व्यायाम ग्राम से ही स्वस्थ राष्ट्र का सृजन संभव है”, इस सोच से समाज हेतु न्याय जागरूकता अभियान और “स्वस्थ देह स्वस्थ मन” एवं संस्कृति सेवा हेतु नैतिकता जागरूकता अभियान को सम्पूर्ण भारत में स्थापित किया जायेगा।
समाज के सभी व्यक्तियों के सहयोग से सुव्यवस्थित समाज का निर्माण किया जायेगा। समाज के अन्तःकरण में प्रेम एवं आत्मीयता का निर्माण किया जायेगा।
संस्था आपके सहयोग से समाज में एक विशिष्ट (मूल्ययुक्त) निर्माण करेगी। उपरोक्त सम्बंधित विषयों पर विचार हेतु न्यास आपके समक्ष “सम्यक संस्कृति परिषद् (ट्रस्ट)” के माध्यम से आमंत्रित करती है। न्याय एवं संस्कृतिकरण के माध्यम से सभी मानव (मनुष्य) को “स्वस्थ देह स्वस्थ मन” एवं आत्मीय संस्कृति का बोध कराया जायेगा।
‘आत्मा अंतर्मन’ से न्याय एवं ‘सम्यक चिन्तन’ हेतु हम सभी मिलकर जरा चिंतन करें और समाज को सुखद जीवन एवं स्वस्थ्य राष्ट्र के निर्माण हेतु अपने सामाजिक योगदान दें।
आपका आत्मीय
डॉ० दीपक कुमार सिन्हा
संस्थापक न्यासकर्ता सह सचिव
संपर्क : 9835050567, 9386126523
ई-मेल : samyaksanskriti@gmail.com






